tag:blogger.com,1999:blog-3756650124144915412.post7033254213388234297..comments2023-09-23T05:32:38.436-07:00Comments on भरोसा: मुंबई के बादप्रियदर्शनhttp://www.blogger.com/profile/01612954000755850954noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-3756650124144915412.post-45577501972574391162008-12-07T09:46:00.000-08:002008-12-07T09:46:00.000-08:00क्या कहूं...... बस जो कहना चाह रहा था उसे आपने शब्...क्या कहूं...... बस जो कहना चाह रहा था उसे आपने शब्द दे दिए।एस. बी. सिंहhttps://www.blogger.com/profile/09126898288010277632noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3756650124144915412.post-5001192419275154362008-12-07T01:29:00.000-08:002008-12-07T01:29:00.000-08:00सारा दर्द उड़ॆल कर रख दिया। कई बार पढ गया। लेकिन क्...सारा दर्द उड़ॆल कर रख दिया। कई बार पढ गया। <BR/><BR/>लेकिन क्या करूं मुंबई का,<BR/>जो मेरे भीतर ग़म और गुस्सा तो जगाती है<BR/>वह छलछलाती हुई रुलाई पैदा नहीं करती<BR/>जिसमें सब कुछ बह जाए।<BR/>कभी कोई चोट खाई, सिहराती हुई कहानी आ जाती है<BR/>तो कुछ पल के लिए रोंगटे ज़रूर खड़े हो जाते हैं<BR/>लेकिन वह स्थायी दुख नहीं जागता जो मेरा सोना-जीना खाना-पीना हराम कर दे।<BR/><BR/>क्या कहूँ सब आपने कह दिया।सुशील छौक्कर https://www.blogger.com/profile/15272642681409272670noreply@blogger.com