tag:blogger.com,1999:blog-3756650124144915412.post5815669387980760637..comments2023-09-23T05:32:38.436-07:00Comments on भरोसा: कभी-कभी मां की यादप्रियदर्शनhttp://www.blogger.com/profile/01612954000755850954noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-3756650124144915412.post-17188666263302878792011-10-24T10:06:52.174-07:002011-10-24T10:06:52.174-07:00भइया, ये कविता हमको दे दो। यह मेरी कविता है। माना ...भइया, ये कविता हमको दे दो। यह मेरी कविता है। माना कि तुमने लिखा, तुमने सोचा, तुमने रचा पर यह तो मानोगे कि भोगा हमने साथ-साथ। इसीलिए अब सुधार कर कहता हूं कि यह सिर्फ तुम्हारी कविता नहीं यह हमारी कविता है।अनुराग अन्वेषीhttps://www.blogger.com/profile/09263885717504488554noreply@blogger.com